गौ कथा महायज्ञ में भाग लेने पहुंचे घाटी के 17 देवी देवता
देवी देवताओं के आगमन से भक्तिमय हुआ गोशाल गांव का माहौल
21 ब्राह्मण सात दिनों तक करेंगे यज्ञ नौ गांव के ग्रामीण मिलकर कर रहे आयोजन
मनाली(नितिन शर्मा)। मनाली की उझी घाटी में इतिहास में पहली बार आयोजित हो रहे गौ कथा महायज्ञ के लिए 17 देवी देवता गोशाल गांव पहुंच गए हैं। देवताओं के आगमन से गोशाल का माहौल भक्तिमय हो गया। गांव देव वाद्य यंत्रों की धुन से गूंज उठा। देवताओं के साथ सैंकड़ों कारकून व देवलू भी महायज्ञ में भाग लेने गोशाल पहुंच गए हैं। मन्दिर को भव्य रुप दिया गया है।
देव आदेश अनुसार ऐतिहासिक गांव गोशाल में इस महायज्ञ का आयोजन घाटी के नौ गांव कोठी, सोलंग, पलचान, रुआड, कुलंग, मछाच, बुरुआ, शनाग व गोशाल के ग्रामीण मिलकर कर रहे हैं। महायज्ञ को आयोजन कमेटी के अध्यक्ष वेद राम ठाकुर व कारदार हरी सिंह ठाकुर ने बताया कि देवताओं के आगमन से धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत हो गई है। उन्होने बताया कि पहली बार घाटी में गौ कथा महायज्ञ का आयोजन हो रहा है। उन्होंने बताया कि गोशाल के आराध्यदेवों व्यास ऋषि, गौतम ऋषि व कंचन नाग के प्रांगण में आयोजित हो रहे इस महायज्ञ में पराशर ऋषि कुलंग, वशिष्ठ ऋषि वशिष्ठ, मनु ऋषि व माता हिडिम्बा मनाली, सियाली महादेव सियाल, शंख नारायण नसोगी, गोहरी देवता पारशा, शांडिल्य ऋषि शालीन, सृष्टि नारायण अलेउ,शावर्णी माता व थान देवता शुरु, फाइया नाग प्रीणी, तक्षक नाग भनारा, संध्या गायत्री जगतसुख, प्यूली नाग बटाहर, गणेश भगवान घुड़दौड़ व बशुकी नाग हालाण गोशाल गांव में पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि इस महायज्ञ में लोगों का बढ़ चढ़कर सहयोग मिल रहा है।